पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के एक ट्वीट पर बुधवार को हंगामा खड़ा हो गया। उनके ट्वीट को प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने कोट करते हुए खबर चलाई कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार लॉकडाउन के दौरान सामाजिक दूरी कायम करने और धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगाने में विफल रही, इसलिए उसे सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए। लॉकडाउन लागू कराने के लइए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर भी विचार होना चाहिए। लेकिन जैसे ही हंगामा बढ़ा, राजभवन की तरफ से पीटीआई की खबर का खंडन आ गया और कहा गया कि वैसा कुछ भी ट्वीट नहीं किया गया, जैसा कि पीटीआई ने समाचार प्रसारित किया।
ये है वो ट्वीट
यह ट्विट सुबह सात बजकर 57 मिनट पर किया गया। इस ट्वीट में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ में कहा गया कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन के प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करना होगा। राज्य सरकार के अधीन पुलिस और प्रशासन शत प्रतिशत तरीके से सामाजिक दूरी कायम रखने या धार्मिक समागमों पर रोक लगाने में विफल रहे हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि लॉकडाउन सफल होना चाहिए और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की जरूरत पर विचार होना चाहिए।
उनकी इस ट्वीट पर कई समाचार एजेंसी ने समाचार प्रसारित की। पीटीआई ने भी इस खबर को प्रमुखता से उठाया और अपनी ओर से एक ट्विट किया. इस ट्वीट में पीटाई ने लिखा कि बंगाल के राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को सामाजिक दूरी कायम करने और धार्मिक आयोजन को रोक नहीं पाने के चलते सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने पर जोर दिया।साथ ही कहा कि लॉकडाउन को लागू करने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर भी विचार किया जाना चाहिए। इसके अलावा भी की समाचार चैनल और संस्थानों ने भी इसी तरह के समाचार चलाए। जाहिर था कि हंगमा होना था सो हुआ भी। इसके बाद राजभवन से एक प्रेस रीलिज जारी करना पड़ा।इस रीलिज में राजभवन ने पीटीआई की खबर का खंडन करते हुए कहा गया कि ऐसा कुछ भी राज्यपाल की तरफ से नहीं कहा गया। ये देखिए, राजभवन से जारी रिलीज-
बता दें कि पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के कोविड-19 के अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों के लिए कुछ नियंत्रण रणनीतियां अपनाई हैं। विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक बहुस्तरीय रणनीतियों से वायरस संक्रमण की कड़ी को तोड़ने में मदद मिलेगी। विभाग ने आदेश में कहा है कि उपलब्ध डेटा का विश्लेषण करने से पता चला है कि राज्य के कुछ इलाकों में कोविड-19 से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या अधिक है। इन मामलों में से बड़ी संख्या कुछ इलाकों, बस्तियों और परिवारों में है इसलिए बहुत अधिक सतर्कता तथा एहतियाती कदमों की जरूरत है।
आदेश में संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों को तलाश कर मामलों का समय पूर्व पता लगाने पर जोर दिया गया है। विभाग ने कहा है कि शहरी इलाकों में उन दलों की सेवाएं ली जा सकती हैं जो डेंगू के मामलों को देखते हैं। इसमें कहा गया, ”वे लोग ऐसे लोगों को तलाशेंगे जिन्हें बुखार, खराब गला, खांसी और बहती नाक तथा सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण हैं। विभाग ने कहा कि निगरानी का काम निकाय के स्वास्थ्य कर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं की मदद से किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के 147 मामले हैं। इनमें से सात लोगों की मौत हो चुकी है।