तेजी से बढ़ रही है देश में कोरोना मरीज की संख्या, परीक्षण को बढ़ाना जरुरी- ICMR

भारत में कोरोना महामारी के बढ़ते संकट के बीच अब भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भी व्यापक जांच की जरुरत बता दी है। इसका कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के परीक्षण को बढ़ाना महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब सरकार चीन से आने वाली रैपिड टेस्टिंग किट का इंतजार कर रही है।

खून के नमूनों में एंटीबॉडी की खोज करने वाले रैपिड टेस्टिंग किट पहले पांच अप्रैल को भारत आने वाले थे। डिलीवरी की तारीख बाद में बदलकर 10 अप्रैल और फिर 15 अप्रैल कर दी गई। हालांकि इस बात को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है कि यह सभी किट बुधवार तक पहुंच जाएंगी।

रैपिड टेस्टिंग किट से पता चलता है कि कोई व्यक्ति वायरस से संक्रमित या फिर उसके संक्रमण में रहा है या नहीं। संक्रमण का तेजी से पता लगाने के अलावा बहुत से देश इस टेस्ट के जरिए यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि किसके पास सार्स-कोव 2 के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता है।

भारत में वर्तमान में आरटी-पीसीआर टेस्ट का उपयोग हो रहा है। जिससे परिणाम आने में पांच घंटे लगते हैं। वहीं रैपिड टेस्टिंग किट के जरिए वायरस संक्रमण का पता लगाने में 25-30 मिनट लगते हैं। आईसीएमआर के सोमवार को जारी हुए दस्तावेज के अनुसार, ‘भारत में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में प्रयोगशालाओं द्वारा परीक्षणों की संख्या में वृद्धि करना जरूरी हो गया है।’

सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने संभवतः वायरस के सामुदायिक प्रसार वाले चरण में प्रवेश करने को लेकर चिंता जाहिर की है। इस चरण में संक्रमण अंधाधुंध तरीके से फैलता है और कोई व्यक्ति कोरोना की चपेट में कैसे आया यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है। हालांकि सरकार का कहना है कि भारत में अभी तक वायरस सामुदायिक प्रसार पर नहीं पहुंचा है और कुछ ही मामलों में इसका उदाहरण देखने को मिला है।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1076 नए मामले सामने आए और 38 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देश में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 11,439 हो गई है। जिसमें 9756 सक्रिय हैं, 1306 स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 377 लोगों की मौत हो गई है।