निजामुद्दीन मरकज से जुड़े तब्लीगी जमात के लोगों ने पिछले एक सप्ताह में जो किया, उसने पूरे देश में गुस्से को भड़का दिया। इस जमात की करतूत ने पूरे देश में मुसलमानों के खिलाफ अविश्वसनीय अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया। अनजाने में गलती हो गई होती तो फिर भी समझ में आता है, लेकिन उनका ही इलाज कर रहे डॉक्टर और नर्सों पर थूकना, महिला नर्स के सामने नंगे होकर घूमना, उन्हें अश्लील और भद्दे इशारे करना.. अनाप शनाप मांग करना, इन हरकतों ने देशवासियों के मन में नफरत पैदा कर दी। इस पर देशभर के मुसलमानों की प्रतिक्रिया आई है। वो भी मान रहे हैं कि यह जमात जाहिल है, बेवकूफ है, अनपढ़ हैं। लेकिन ये किसी षडयंत्र के हिस्से हैं, ऐसा नहीं है।
दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ. मुफ्ती मुकर्रम का कहना है कि ये जो कुछ हुआ या हो रहा है, वह पूरी तरह गलत है, मगर इसके पीछे कोई षडयंत्र- साजिश है, ऐसा नहीं लगता। ये तब्लीगी जमात की लापरवाही का नतीजा है। इनका परिवेश ऐसा है, जिसमें ये इतना भी नहीं समझ पा रहे कि डॉक्टर, नर्स या कोरोना की लड़ाई में जुटा कोई और, वो हमारा शुभचिंतक है, जो अपनी जान जोखिम में डालकर हमारी जान बचा रहा है, वह सम्मान के योग्य है।
इन लोगों को जानकारी बहुत कम होती है। इन्हें प्रोटीन विटामिन का ज्ञान तक नहीं है। 80 सालों से मरकज की गतिविधियां चल रही हैं। एक नहीं, बहुत से मुल्कों में जमात के लोगों का आना जाना लगा रहता है। ये पूरी तरह से गैर राजनीतिक होते हैं। अगर ये मस्जिद में चले जाएं और वहां पर पंखा बंद है तो ये उसे चलाने के लिए किसी को नहीं कहते। खुद भी नहीं चलाते, ये सोचकर कि इसका इस्तेमाल कोई और कर लेगा।
खैर जो भी हो, लेकिन इतना तय है कि जमाती किसी षडयंत्र के चलते ये सब नहीं कर रहे हैं। उनकी सोच, परिवेश और अपढ़ता जैसी स्थिति ये सब करा रही है। ये इनकी लापरवाही है। डॉ. मुफ्ती मुकर्रम साथ ही यह भी कहते हैं कि अब जो डॉक्टरों या नर्सों के साथ अभद्रता करने की बात सामने आ रही है, वह पूरी तरह असहनीय है।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि तब्लीगी समाज का मकसद जहालत फैलाना है। मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी कहते हैं, कोरोना से लड़ाई के वक्त अगर कोई भी व्यक्ति डॉक्टर या नर्स से गलत व्यवहार करता है तो वह निंदनीय है। सरकार ने समय रहते मरकज से लोगों को बाहर नहीं निकाला। कहीं न कहीं कमियां तो सरकार की भी हैं।