शाहीन बाग में सुप्रीम कोर्ट की अवमानना से भड़कीं साधना रामचंद्रन… आरोपी महिला को कहा- आप भारत की नागरिक कहाने की काबिल नहीं.. आहत रामचंद्रन बोले- यहां बात करने का माहौल नहीं

दिल्ली। नागरिकता कानून के खिलाफ 15 दिसंबर से शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन का हल निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित मध्यस्थता पैनल आज फिर से प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचा। वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहे थे, तभी एक महिला सुप्रीम कोर्ट के बारे में अनाप शनाप बोलने लगी। इस पर साधना रामचंद्रन बुरी तरह भड़क उठीं। उन्होंने महिला को यह कहते हुए भगा दिया कि आप भारत की नागरिक कहलाने लायक नहीं हैं। इसके अलावा भी कई बार प्रदर्शनकारी उग्र हुए। हेगड़े तक को कहना पड़ गया, यहां बातचीत का माहौल नहीं.. यहां आने का भी कोई मतलब नहीं… पढ़िए पल पल की अपडेट-

संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन आज दोपहर 3 बजकर 33 मिनट पर शाहीन बाग पहुंचे। दोनों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत शुरू की।

4 बजे- प्रदर्शनकारियों से बातचीत करते हुए साधना रामचंद्रन ने कहा –

  • सीएए, एनआरसी का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के सामने है। वो कोर्ट का मुद्दा है, उस पर सुनवाई होगी। उस पर हम आज बात नहीं करेंगे। हम मानते हैं कि अगर आपके जैसी बेटियां और महिलाएं हैं तो देश सुरक्षित है। उन्होंने लोगों से कहा कि आप ने बुलाया इसलिए हम फिर आए। संजय भईया(संजय हेगड़े) और मैं नहीं चाहते कि शाहीन बाग हटे, हम चाहते हैं शाहीन बाग बरकरार रहे।
  • हम चाहते हैं कि आपका आंदोलन शाहीन बाग में ही बरकरार रहे। हम आपसे केवल बंद सड़क को खुलवाने पर बातचीत करना चाहते हैं। हम सबसे बात नहीं कर सकते। हम आपको तकलीफ में नहीं देख सकते।
  • हम सबका इमान है कोशिश करना। अगर बात नहीं बनी तो हम सुप्रीम कोर्ट वापस चले जाएंगे। फिर सुप्रीम कोर्ट सरकार को कहेगी और जो वो चाहेंगे वही होगा। हम चाहते हैं कि कोई हल निकले और यहीं शाहीन बाग में हल निकले। शाहीन बाग बरकरार रहना चाहिए।

4.10 बजे – साधना रामचंद्रन के बाद संजय हेगड़े ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा –

  • सुप्रीम कोर्ट चाहती है कि आपका प्रदर्शन चलना चाहिए और शाहीन बाग एक मिसाल बने। ऐसी मिसाल जिसमें लोग कहें कि एक प्रदर्शन हुआ था शांतिपूर्ण और जब लोगों को परेशानी हुई तो प्रदर्शनकारियों ने उनकी मदद की।

प्रदर्शनकारियों को सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं

रास्ता खाली करने की अपील करते ही वार्ताकारों के खिलाफ प्रदर्शनकारी भड़के उठे। वो कहने लगे कि सुप्रीम कोर्ट सरकार के साथ मिला हुआ है। इसलिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर भी भरोसा नहीं है। हेगड़े उन्हें समझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन वो शांत नहीं हुए। इसके बाद फिर साधना रामचंद्रन सामने आईं।

वार्ताकारों ने फिर से मीडियो को वहां से हटाने की बात कही। जब मीडिया वाले वहां से चले गए तब दोबारा बातचीत शुरू हुई। इसी बीच महिला उनके सामने रो पड़ी। वह अपने बच्चे की भविष्य को लेकर रो रही थी।

सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना पर भड़कीं साधना रामचंद्रन

इस दौरान एक महिला प्रदर्शनकारी ने गुस्से में सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना की, जिसपर साधना रामचंद्रन भड़क उठीं। महिला ने कहा कि आप गलत याचिका पर बातचीत करने आई हैं। इसपर साधना रामचंद्रन ने गुस्से में कहा कि आपको भारत का नागरिक कहलाने का कोई हक नहीं है। इतना कहकर उन्होंने उस महिला को पंडाल से भगा दिया। 

इनसब के बाद साधना रामचंद्रन ने कहा कि शाहीन बाग में बातचीत के लिए शांति का माहौल नहीं है, इसलिए कल कहीं दूसरी जगह बातचीत पर विचार किया जाएगा। वार्ताकारों ने बातचीत के लिए प्रदर्शनकारियों की ओर से 20 लोगों की लिस्ट मांगी।

यहां आने का कोई मतलब नहीं: रामचंद्रन

बातचीत के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने वार्ताकारों से कहा कि जिस देश में जज मार दिया जाए, वहां कैसे किसी कोर्ट पर भरोसा करें। इसपर साधना रामचंद्रन ने जवाब दिया कि जब बातचीत नहीं हो पा रही है तो यहां आने का कोई मतलब नहीं। दिल्ली पुलिस ने आप पर कोई अत्याचार नहीं किया, इसलिए उनका आदर कर रास्ता खाली कर दें।