अभिनेत्री शिल्पा के पति से 8 करोड़ लूटने वाला दिल्ली का डॉन नायडू एनकाउंटर में ढेर.. पढिए, एनकाउंटर की पूरी कहानी… और सनसनीखेज खुलासे

दिल्ली का कुख्यात डॉन शिव शक्ति नायडू मेरठ पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में ढेर हो गया। उसे मेरठ के कंकरखेड़ा इलाके में ढेर कर दिया गया। यह शिव शक्ति नायडू है, जिसने शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा से आठ करोड़ रुपए लूटे थे। इस पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम रखा था।

दिल्ली का रहने वाला शक्ति नायडू 1 दिन पहले दिल्ली देहरादून हाईवे पर फॉर्च्यूनर एसयूबी कार कर भागा था। पुलिस को उसकी लोकेशन मेरठ के कंकरखेड़ा थाना इलाके के वैष्णो धाम में मिली थी।

मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि कंकरखेड़ा में नायडू की लोकेशन मिलने के बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। जैसे ही इसकी खबर एक मकान में छिपे नायडू को मिली, उसने अंदर से से पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। जब कमरे के कमरे से गोलियों की आवाज आनी बंद हो गई, तब पुलिस अंदर गई। पुलिस को नायडू घायल हालत में मिला। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

इस मुठभेड़ में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। एसएसपी बुलेट प्रूफ जैकेट पहने हुए थे, इसके बाद भी गोली जैकेट में घुस गई थी। हालांकि उन्हें नुकसान नहीं हुआ। सीओ जितेंद्र सरगम को गोली लगी है। पुलिस ने घटना स्थल से कारबाइन, बैरल, भारी मात्रा में कारतूस और चोरी की हुई कार बरामद की है।

मेरठ के एसएसपी ने बताया कि 15 दिन पहले अपने साथी और तिलक राज और उसके भतीजे हनी पर हमला किया थास जिसमें हनी की मौत हो गई थी। इसके बाद उसके सहयोगी रहे तिलक राज ने दावा किया था कि नायडू दिल्ली के एसपी मोहन नेगी और मेरठ के इंस्पेक्टर विपिन कुमार की मर्डर की प्लानिंग कर रहा था।

बता दें कि नायडू ने तिलकराज हनी समेत 14 बदमाशों के साथ मिलकर 28 जनवरी 2014 को दिल्ली में फिल्म कारोबारी राज कुंद्रा से 7 करोड़ 80 लाख रुपए लूट लिए थे। दिल्ली स्पेशल सेल ने शक्ति नायडू तिलक राज और हनी को गिरफ्तार किया था । एक चौंकाने वाला खुलासा यह भी हुआ है कि दिल्ली पुलिस का एक सिपाही ही इस डॉन की मदद कर रहा था। यह सिपाही उसके लिए हथियार जुटाता और अपने साथियों की सेटिंग से सरेंडर की प्लानिंग में मदद करता था।

नायडू 6 साल जेल में रह चुका था। 2019 में वह पैरोल पर बाहर आया और फरार हो गया। उसके 6 महीने के भीतर ही उसमें दिल्ली और वेस्ट यूपी में अपना नेटवर्क फैला लिया था। दिल्ली में उसका पहले से आतंक था। इसका फायदा उठाते हुए उसने पंजाब राजस्थान हरियाणा में अपने पुराने साथियों को गैंग में शामिल किया और वारदातों को अंजाम देने लगा।