शिकारा फिल्म से कश्मीरी मुसलमान को ऐतराज,कहा- छवि खराब होगी, सौहार्द्र बिगड़ेगा, लगाई जाई रोक

विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म शिकारा को लेकर अब कश्मीर के मुसलमान को आपत्ति हो गई है। इनका कहना है कि फिल्म में जिस तरह स्थानीय मुसलमानों को दिखाया गया है उससे स्थानीय लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। इससे देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र भी बिगड़ेगा। लिहाजा कोर्ट इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाए।

कश्मीरी मुस्लिमों ने भी इसका विरोध शुरु कर दिया है। घाटी के तीन लोगों ने फिल्म पर रोक लगाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में एक याचिका भी दायर कर दी है।

जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में याचिका पत्रकार माजिद हैदरी, इफ्तिखार मिसगर और एडवोकेट इरफान हाफिज लोन ने दायर की है। उन्होंने अदालत से फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का आग्रह करते हुए कहा है कि शिकारा फिल्म में स्थानीय कश्मीरी मुस्लिम समुदाय की छवि को बिगाड़ने का प्रयास किया गया है। इससे स्थानीय लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं, इसलिए इस पर रोक लगायी जाए।

उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया है कि जिस तरीके से फिल्म में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों और कश्मीरी मुस्लिमों को दिखाया गया है, उससे पूरे देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है, इसलिए इस पर राेक लगायी जाए। 

असल घटना पर आधारित है फिल्म

दरअसल विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म शिकारा कश्मीर से पलायन करने को मजबूर हुए कश्मीरी पंडितों पर आधारित है। परंतु फिल्म का ट्रेलर जारी होने के बाद फिल्म का विरोध शुरू हो गया।   फिल्म को कश्मीर के वास्तविक स्थानों पर शूट किया गया है जिसमें 4000 से अधिक वास्तविक कश्मीरी पंडित हैं जो पलायन के आतंक का सामना करते हैं। हालांकि फिल्म निर्माताओं की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।