3 मई तक का लॉकडाउन मतलब 234 अरब डॉलर का नुकसान… 0 फीसदी रह जाएगी देश की जीडीपी ग्रोथ

जान है तो जहान है। पीएम मोदी लॉकडाउन करने से पहले यह बात कही थी, लेकिन आपने कभी सोचा था कि इस लॉकडाउन से देश की अर्थ व्यवस्था पर कितनी बड़ी मार पड़ने वाली है। नहीं तो जान लीजिए, यह मार 234 अरब अमेरिकी डॉलर से भी ज्यादा की है। इसे इस रूप में समझिए कि इस नुकसान के चलते इस वित्तीय वर्ष में देश का जीडीपी ग्रोथ जीरो फीसदी रह जाएगी। यानी पिछले साल की तुलना में कोई ग्रोथ नहीं.। यह आंकलन ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज ने किया है।

शून्य होगी कैलेंडर वर्ष 2020 में आर्थिक वृद्धि 

बार्कलेज ने कहा कि आर्थिक वृद्धि कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए शून्य होगी और वित्त वर्ष के नजरिए से देखा जाए तो 2020-21 में इसमें 0.8 फीसदी वृद्धि ही होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तीन सप्ताह के लिए लॉकडाउन को बढ़ाने का एलान किया, जो अब तीन मई तक लागू होगा। 

पहले जताया था 120 अरब डॉलर का अनुमान

उन्होंने संक्रमण से अप्रभावित रहने वाले क्षेत्रों को 20 अप्रैल से कुछ राहत देने का संकेत दिया, लेकिन कहा कि यह छूट सख्त निगरानी पर आधारित होगी। ब्रोकरेज फर्म ने पहले कहा था कि तीन सप्ताह के लॉकडाउन में 120 अरब अमरीकी डॉलर का अर्थिक नुकसान होने की आशंका है, जिसके अब बढ़कर 234.4 अरब अमरीकी डॉलर तक का होने का अनुमान है। 

ढाई फीसदी वृद्धि की थी उम्मीद

इससे पहले उम्मीद की जा रही थी कि भारत कैलेंडर वर्ष 2020 में ढाई फीसदी की वृद्धि दर्ज करेगा, जिसे अब घटाकर शून्य कर दिया गया है। दूसरी ओर वित्त वर्ष 2020-21 में पहले 3.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया गया था, जिसे अब घटाकर 0.8 फीसदी कर दिया गया है। टिप्पणी में कहा गया है कि विशेष रूप से खनन, कृषि, विनिर्माण और उपयोगिता क्षेत्रों पर अनुमान से अधिक नकारात्मक असर देखने को मिलेगा।