विधानसभा: बजट पर विधानसभा में चर्चा शुरु, रमन सिंह ने लगाये आरोप कहा — वेंटिलेटर पर है छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था

विधानसभा में वर्ष 2020-21 के बजट पर आज विधानसभा में सामान्य चर्चा हुई। पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा सरकार अपनी पीठ स्वयं थपथपा रही है। कृषि और औद्योगिकी सेक्टर में गिरावट आ रही है। रमन सिंह ने कहा प्रति व्यक्ति आय की ग्रोथ में कमी आई है। इसका मतलब सरकार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। सरकार क़र्ज़ में दबी है। सरकार अच्छा काम करती तो यह स्थिति नहीं होती। 14 महीने के कार्यकाल में पूंजीगत व्यय की स्थिति 14% रह गई है, पहले यह 17% पर थी। पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि पूंजीगत व्यय फिसल क्यों रही है यह पैसे जा कहा रहा हैं? रमन सिंह ने सदन में बोधघाट प्रोजेक्ट का मामला उठाते हुए कहा कि बोधघाट हाइडल प्रोजेक्ट है जिसका सर्वे आज तक नहीं किया गया। कोई अधिकारी इस प्रोजेक्ट के लिए नहीं गया। सेंट्रल वाटर कमीशन से यह तीन बार रिजेक्ट हो चुका है। सीडब्ल्यूसी इसमें परमिशन नहीं देगा। सर्वे करने में यहां 10 साल लग जाएंगे यह इलाका पूरा नक्सलवाद से ग्रसित है। राज्य सरकार की उड़ान अच्छी है लेकिन ऐसी योजना बनाइए जो 4 साल के कार्यकाल में शिलान्यास का पत्थर रख लें। 8 से 9 रुपय पर यूनिट बिजली पैदा होगा यदि इस प्रोजेक्ट से हम बिजली उत्पादन करते हैं, इस महंगे उत्पादन को कोई नहीं लेगा। राज्य में प्रशासनिक व्यय बढ़ते जा रहा है कुल खर्च 38983 करोड़ का राजस्व व्यय हो रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि किसानों का क्या होगा? किसानों का कुल कितना धान खरीदा गया, किसान दाना-दाना धान बेचने के लिए तरस गया है? पूर्व सीएम के सवालों के बीच मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा डॉ रमन सिंह से अधिक का धान मृत्यु की मांग करने वाले व्यक्ति ने बेचा है।
रमन सिंह ने कहा किसान तब चैन से सो पाएगा जब राज्य सरकार किसानों का एक-एक दाना धान खरीदने की घोषणा कर दे। मक्का चना के संबंध में वादा राज्य सरकार को याद नहीं रहा। घर-घर रोजगार हर घर रोजगार और ढाई हजार रुपए की घोषणा के क्रियान्वयन का इंतजार करते युवा वर्ग खड़ा है। पेंशन की घोषणा की बातें की गई थी वह इस बजट में नहीं है। शराब बंदी की बात बजट में नहीं आई।पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि बजट की उपलब्धि गढ़ कलेवा खोलना नहीं है। ठेठरी खुरमी खाओ और हरी के नाम गाओ। 28 जिलों में केवल गढ़ कलेवा खोल देना विकास नहीं है।

उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग के बजट से दुःख हुआ। बीजेपी शासनकाल में अनेक स्कूल बजट में मिला करते थे। लेकिन इस बजट में स्कूल नहीं मिला।

डॉ रमन सिंह ने कांग्रेस और बीजेपी शासन काल के विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि 30000 किमी सड़क से जिसे 61000 किलोमीटर सड़क बीजेपी सरकार ने बनाया। एमबीबीएस की सीट को 11 से 1000 किया गया और 2 मेडिकल कॉलेज से 6 मेडिकल कॉलेज बढ़ाया गया। बीजेपी के शासन काल में इंडिया का सबसे बेहतर एजुकेशन हब दंतेवाड़ा में बनाया गया है। कृषि के क्षेत्र में काफी योजनाएं लाई थी लेकिन अब सच्चाई कुछ और ही दिखता है। 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान 16.81% है जो बीजेपी सरकार में 2017-18 में 22% था। 5.35% की गिरावट आई। जीडीपी में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान 2017-18 में 47.37 प्रतिशत था हो जो 2018-19 में 40.19% हो गया। 2004 से लेकर 2018 तक वित्तीय अनुबंधों का पालन किया गया इसके बाद अर्थव्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है। आज छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था वेंटिलेटर पर डालने की स्थिति में आ गई हैं। राजस्व घाटा 0 प्रतिशत में हमने लाया था लेकिन 18-19 में कांग्रेस के सरकार संभालते ही वित्तीय स्थिति गड़बडाने लगी. सकल घरेलू राजकोषीय घाटा जो 2017 तक 2.73% लेकिन यह घाटा 6.41 % बढ़ गया। 21000 करोड़ का राजकोषीय घाटा है जिसे राज्य सरकार द्वारा 11000 करोड़ दिखाया गया है।

राज्य सरकार द्वारा कर्ज लिए जाने पर उन्होंने कहा कि कर्ज लेने की कोई सीमा है या राज्य सरकार कर्ज के बोझ से छत्तीसगढ़ को दबा देगी। 14 माह में 16674 करोड़ की देनदारी बढ़ी है (सरकारी आंकड़े), असल आंकड़े 17700 cr से अधिक है। 83349 करोड़ कर्ज अब तक राज्य सरकार ले चुकी है। आने वाले 4 साल में पुराने कर्ज को छोड़कर एक लाख करोड़ से अधिक का कर्ज छत्तीसगढ़ में पड़ने वाला है। जिससे जनता परेशान होगी।