घर से काम करने का बढ़ रहा चलन, जानिए क्यों कंपनियां भी मानती हैं मुफीद

नई दिल्ली। वो दिन गुजर गए जब कंपनियां अपने कर्मचारियों के साथ तानाशाही रवैया अपना कर फल फूल जाया करती थी। अब तो देश दुनिया की वही कंपनियां आगे बढ़ रही है जो अपने कर्मचारियों की सुविधा का पूरा पूरा ध्यान रख रही है। इसी का नतीजा है कि कंपनियां अपने लॉयल कर्मचारियों को हर सुविधा देने को तैयार है। इसी के चलते वर्क फ्रॉम होम यानी कर्मचारियों को घर से काम करने की आजादी देने का चलन जोर पकड़ रहा है। यह चलन विदेशों में ही नहीं बल्कि भारत में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है.

अमेरिका में ‘एयरटास्कर’ द्वारा किए गए अध्ययन में सामने आया कि 4 में से 1 कर्मचारी नौकरी इसलिए छोड़ता है, क्योंकि उन्हें लंबी दूरी तय करके दफ्तर जाना पड़ता है। नौकरी की तलाश में रहने वाले युवा अब इस तरह की संभावनाओं की ओर देखने लगे हैं। वे कार्य और जीवन के बीच संतुलन भी तलाशने लगे हैं। नई पीढ़ी के युवा काम के घंटों में लचीलापन भी चाहते हैं।

बिल गेट्स ने पहले अपनाया

काम में लचीलापन देने की इस नीति को बिल गेट्स ने बहुत पहले ही समझ लिया था। गेट्स ने कहा था, ‘आने वाले वर्षों में सबसे अच्छे कर्मचारी को अपने यहां आकर्षित करने के लिए प्रयास का चलन बढ़ेगा। ऐसे में वे कंपनियां जो कर्मचारियों को लचीलापन देंगी, वे इस काम में आगे रहेंगी।’ बिल गेट्स ने भविष्य की कार्यसंस्कृति का पहले ही अनुमान लगा लिया था।

वर्ष 2013 में इसके लिए ‘नेशनल फ्लेक्स डे’ शुरू किया गया। इसका मकसद यही था कि काम के लचीलेपन के महत्व से सभी को रूबरू कराया जाए और इसे राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाया जाए। फॉर्च्युन 500, कॉरपोरेशन सिस्को, सेल्सफोर्स और हिल्टन ने लोगों को घर से काम करने की आजादी देकर अपने यहां अच्छा माहौल बनाया है।

घरस्मार्टबग मीडिया के काम का तरीका वैश्विक मार्केटिंग एजेंसी स्मार्टबग मीडिया ने अपने कर्मचारियों को आजादी, लचीलापन और तरक्की की संभावना देकर उन्हें आगे बढ़ाया और अपने साथ जोड़ा। हालांकि इस कंपनी के लिए काम करने वाली टीम पूरे अमेरिका में बिखरी हुई थी, लेकिन कंपनी ने उन्हें वीडियो कॉल करके एकदूसरे से विचार साझा करने की आजादी देकर उनकी बहुत सारी मुश्किलों को आसान कर दिया।