खतरे को पहले ही भांप गए थे आम लोग.. लॉकडाउन से बहुत पहले सिमटने लगे थे घरों में.. गुगल डाटा से हुआ खुलास

भारत में कोरोना वायरस के खतरे को लोगों ने पहले से ही भांप लिया था। यही वजह है कि लॉकडाउन से बहुत पहले ही लोग अपने अपने घरों में सिमटने लग गए थे। यह जानकारी गुगल के आंकड़ों से लगी है। इसके मुताबिक लोग होली के समय से ही घरों से बाहर कम निकलना कर दिए थे। भीड़ भाड़ वाली जगहों से बचने लगे थे। लोग ऑफिस की बजाय वर्क फ्रॉम होम का विकल्प चुन रहे थे।

गूगल ने लोगों के लोकेशन डेटा के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में 16 फरवरी से 29 मार्च तक का डेटा शामिल है। इसके मुताबिक, 8 मार्च के बाद से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर लोगों का आना-जाना कम हो गया था। ज्यादातर लोग घर पर ही रहने लगे थे। 

गूगल की रिपोर्ट के मुताबिक, 8 मार्च के बाद से ऑफिस या वर्कप्लेस में कमी आने लगी। 29 मार्च तक ऑफिस जाने वालों की संख्या में 47% की कमी आ गई। इसी तरह से घरों में रहने वालों की संख्या भी 8 मार्च के बाद बढ़ने लगी और 29 मार्च तक ऐसे लोगों की संख्या 22% तक बढ़ गई।

कोरोनावायरस को फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका है- सोशल डिस्टेंसिंग। ज्यादातर लोग इस बात को भी समझ गए थे। गूगल की रिपोर्ट बताती है कि रेस्टोरेंट, कैफे, शॉपिंग सेंटर,थीम पार्क, म्यूजियम, लाइब्रेरी और मूवी थिएटर जैसी भीड़-भाड़ वाली जगहों पर 8 मार्च के बाद से ही लोगों ने जाना कम कर दिया था। इन जगहों पर जाने वालों की संख्या 77% तक कम हो गई है।

इसी तरह से किराना बाजार, फूड वेयरहाउस, किसान बाजार, ड्रग स्टोर या फार्मेसी की दुकान पर भी लोगों की चहल-पहल 65% घट गई। पार्क, डॉग पार्क, पब्लिक गार्डन्स और बीच पर भी लोगों की मूवमेंट 57% तक कम हुई है।

कोरोना से बचने के लिए लोगों ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल भी कम कर दिया। सबवे, बस और रेलवे स्टेशन जैसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जगहों पर आने-जाने वाले लोग भी 71% कम हो गए। 8 मार्च के बाद से ही इसमें कमी आनी शुरू हो गई थी।