कमलेश तिवारी हत्याकांड: दुबई में साजिश रची, सूरत में गैंग बनाई, फिर की हत्या

लखनऊ. उत्तरप्रदेश केहिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या की गुत्थी 24 घंटे सुलझ गई। हत्या की पूरी साजिश चार सालों में रची गई। आरोपियों ने उसकी हत्या की साजिश दुबई में रची. उसे अंजाम देने के लिए सूरत में गैंग बनाई गई। इसके बाद लखनऊ में उसे अंजाम दिया गया.

पुलिस की जांच में सामने आया- घटना की साजिश दुबई में रची गई। हत्या को अंजाम देने के लिए सूरत में गैंग बनाई गई। इसके बाद लखनऊ जाकर हत्या की गई। घटनास्थल पर मिले मिठाई के डिब्बे और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सूरत से साजिश में शामिल मौलाना मोहसिन सलीम शेख, फैजान युनूस भाई जिलानी और रशीद शेख को गिरफ्तार किया। दो हमलावरों ने शुक्रवार को लखनऊ में कमलेश की हत्या कर दी थी।


फैजान युनूस सूरत की दुकान से मिठाई खरीदते वक्त सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था। उसके बाद मौलाना मोहसिन को पकड़ा गया। जबकि यूपी एटीएस ने कमलेश तिवारी पर डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम रखने वाले बिजनौर के दो मौलानाओं माेहम्मद मुफ्ती नईम काजमी और इमाम माैलाना अनवारुल हक को गिरफ्तार कर लिया।


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रशीद शेख :
 23 वर्षीय रशीद कंप्यूटर का भी जानकार है। 10वीं तक पढ़ाई के बाद 2017 से दुबई में रहकर कंप्यूटर हार्डवेयर और उसी दुकान में सेल्स भी करता था। 2015 में पैगंबर साहब पर दिए कमलेश तिवारी के बयान के बाद से उसकी हत्या करना चाहता था। इसके लिए 50 बैठकें हो चुकी थीं।

फैजान : लिंबायत के ग्रीन व्यू फ्लैट में रहता है। वो रशीद के साथ दुबई से ही संपर्क में था। पहले वह खुद ही हत्या करने जाने वाला था, लेकिन बाद में उसने प्लानिंग बदल दी और उसने यहां से हथियार का इंतजाम सहित अन्य मदद जुटाता रहा। आरोपी जूते की कम्पनी में सेल्समैन का काम भी करता था।

फरीद : फरीद अपने लिंबायत स्थित घर में रहता था लेकिन कुछ काम नहीं करता था। उसने रशीद के साथ मिलकर हत्या करने की तैयारी की थी। रशीद के उकसाने पर 16 अक्टूबर को फरीद ने खुद ही हत्या करना ठान लिया था। और अशफाक के साथ लखनऊ जाकर कमलेश की हत्या कर दी।

अशफाक : यह रशीद का पड़ोसी है। 15 अक्टूबर को एक बैठक में रशीद ने कहा था कि यदि आप लोग नहीं जा सकते तो अब मैं खुद जाऊंगा हत्या करने। इसके बाद में फरीद और अशफाक ने कहा कि हम जाएंगे हत्या करने और फरीद के साथ वह लखनऊ गया और वारदात को अंजाम दिया।

मोहसिन शेख : लिंबायत के एक मदरसे में मौलवी मोहसिन दीन पढ़ाने का काम करता है। मौलवी ने रशीद और उसके दोस्तों को कहा था कि इस्लाम में ऐसे लोगों की हत्या करना कोई गुनाह नहीं माना जाता है। उसने इस्लाम का कबूलनामा नाम से एक सर्टिफिकेट भी जारी किया था।