कोरोना को लेकर खुद को सबसे कम प्रभावित मानने की सोच रखने वाले युवा सावधान। भारत में कोरोना सबसे ज्यदा चपेट में युवाओं को ही ले रहा है। या यूं कहें कि भारत में सबसे ज्यादा युवा ही इसकी चपेट में आ रहे हैं। हो सकता है कि इसके पीछे एक बड़ी वजह युवाओं में फैला आत्मविश्वास कि वो स्वस्थ हैं और उन्हें इस बीमारी से ज्यादा खतरा नहीं है।
शनिवार को केंद्र सरकार की तरफ से जारी आकड़े चौंकाने वाले साबित हुए। देश में अब तक कोरोना मरीजों के आधार पर ये आंकड़े जारी किए गए थे। इसमें बताया गया है कि देश में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज 21 से 44 वर्ष के बीच के लोग हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा हिस्सा 41 से 60 वर्ष के बीच के लोगों का है। इन दोनों वर्ग के लोग ही कुल कोरोना मरीज का 75 प्रतिशत हैं।
राहत की बात यह कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग इस बीमारी की चपेट में अब तक कम आए हैं। शून्य से 20 वर्ष तक लोगों में भी यह बीमारी कम पहुंची हैं। महज 9 मरीज ही इस आयु वर्ग के हैं।
राजधानी रायपुर के डॉक्टर संजय पाण्डेय इसके लिए सामाजिक संरचना को कारण मानते हैं। thevoice24.in से बातचीत में उन्होंने बताया कि यह आंकड़ा अब तक स्थिति को प्रदर्शित करता है। इसकी वजह यह हो सकती है कि 60 वर्ष से अधिक आयुवर्ग की आबादी भारत में दूसरे देशों से कम है। दूसरी वजह, यहां की सामाजिक संरचना है। इस वर्ग के लोगों का सामाजिक संपर्क विदेशों की तुलना मेंकम होता है। यह वर्ग ज्यादातर घरों पर ही रहता है।