रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के एक साल पूरे होने पर जश्न का माहौल है। इसी जश्न के बीच नगरीय निकाय चुनाव सरकार के लिए चिंतनीय साबित हुआ। क्योकि नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम कांग्रेस के लिए निराशाजनक रहा। मंत्रियों के प्रभार वाले और विधायकों के विधानसभा क्षेत्र में जिस तरह के परिणाम आये सामने आए हैं। उससे कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं। सवाल यह है कि क्या यहां सिर्फ कांग्रेस हारी है या फिर यह हार मंत्रियों और विधायकों की भी है?
आईये आपको बताते हैं कौन-कौन से निकाय रहे जहां पर कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
प्रभारी मंत्री रविन्द्र चौबे
साजा:- साजा मंत्री रविन्द्र चौबे का निर्वाचन क्षेत्र भी है यहां पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। इसी तरह से देवकर में भी कांग्रेस को करारी हार मिली है।
बेमेतरा- कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा का निर्वाचन क्षेत्र है यहां एक बार फिर कांग्रेस को शिकस्त देते हुए भाजपा ने कब्जा जमाया है।
प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू
मुंगेली- मुंगेली में बीजेपी ने कब्जा जमाया है। तो लोरमी में भी बीजेपी बहुमत के करीब है। इन दोनों जगहों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है।
अहिवारा- मंत्री ताम्रध्वज साहू के प्रभार वाले इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। वैसे यह सीट मंत्री रुद्र गुरु का निर्वाचन सीट भी है बावजूद इसके कांग्रेस यहां जीत नहीं पाई।
जशपुर- जशपुर कांग्रेस विधायक विनय भगत का निर्वाचन क्षेत्र है। लेकिन यहां पर कांग्रेस को सबसे ज्यादा करारी हार मिली है क्योंकि यहां कांग्रेस सिर्फ एक सीट जीत पाने में सफल रही है। पत्थलगांव और बगीचा में भी कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। अमरजीत इस जिले के प्रभारी मंत्री हैं।
बलौदाबाजार- नगरीय निकाय और प्रभारी मंत्री शिवडहरिया के प्रभार वाले इलाके बलौदाबाजार जिले में एक भी नगरीय निकाय में कांग्रेस जीत नहीं पाई। अगर प्रदेश भर का आंकलन करें तो सर्वाधिक बुरी स्थिति कांग्रेस के किसी प्रभारी मंत्री के जिले में रही है तो वह बलौदाबाजार जिला है। बलौदाबाजार नगर पालिका, लवन नगर पंचायत, बिलाईगढ़ नगर पंचायत, भाटापारा नगर पालिका। इन सभी जगह पर भाजपा और निर्दलीयों ने कब्जा जमा लिया है। जबकि कसडोल में कांग्रेस बहुमत से एक कदम दूर है।
बिलासपुर जिला- बिलासपुर जिले में मस्तूरी नगर पंचायत, कोटा नगर पंचायत और तखतपुर नगर पंचायत में कांग्रेस की हार हुई है।
दंतेवाड़ा- कांग्रेस विधायक देवती कर्मा का यह निर्वाचन क्षेत्र है। यहां कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है, दंतेवाड़ा नगर पालिका के साथ ही बारसूर में भी कांग्रेस की हार हुई है।
गरियाबांद- मंत्री गुरु रुद्र कुमार इस जिले के भी प्रभारी मंत्री हैं. यहां की तीनों सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। गरियाबंद नगर पालिका, नगर पंचायत राजिम और नगर पंचायत फिंगेश्वर शामिल है।
कवासी लखमा
कोण्डागांव- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम का निर्वाचन क्षेत्र है यहां कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इस जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा हैं।
महासमुंद- मंत्री गुरु रुद्र कुमार के प्रभार वाले जिले में भी कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। यहां महासमुंद नगर पालिका, सरायपाली नगर पंचायत में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है. तुमगांव नगर पंचायत, बागबहरा नगर पालिका में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिल पाया है। यहां सरकार बनाने के लिए निर्दलीय प्रत्याशियों का सहारा लेना पड़ेगा।
बस्तर- कांग्रेस विधायक और बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल का निर्वाचल क्षेत्र है। यहां पर भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है।
अनिला भेड़िया
बालोद- मंत्री अनिला भेड़िया का निर्वाचन क्षेत्र डौंडी लोहारा में कांग्रेस की करारी हार हुई है। इसके साथ ही दल्ली राजहरा नगर पालिका, नगर पंचायत चिखलकसा, डौंडी लोहारा नगर पंचायत में भी चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में नहीं रहे, यहां निर्दलीय सबसे ज्यादा सीट पर निर्वाचित हुए हैं।