बीजापुर। नरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में बीजापुर ने तय मापदंडों में अब तक उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। वित्तीय वर्ष के लिए जब लेबर बजट बनाया गया तो वर्ष भर में 10.06 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके विरुद्ध अब तक कुल 11.26 लाख मानवदिवस सृजित किया जा चुका है। यह लक्ष्य के विरुद्ध पूर्णता का प्रतिशत 111 प्रतिशत है, जो कि राज्य भर में अन्य जिलों की अपेक्षा प्रथम स्थान पर है। जबकि अभी योजनान्तर्गत कार्य करने के लिए वित्तीय वर्ष के 2 माह शेष है। माह सितम्बर के पूर्व 13.68 लाख रुपये एकाउंट नंबर गलत होने अथवा एकाउंट बंद होने के कारण पैसा मज़दूर को नही मिल पा रहा था,जिसके कारण मजदूर भुगतान के लिए परेशान होते थे,जो कि वर्तमान में अब शून्य दशा में पहुंच चुका है। इस मापदंड पर भी जिला अन्य जिलों की अपेक्षा सबसे उच्च स्थान पर है। वर्तमान समय तक कुल 23419 जॉब कार्डधारी परिवार को रोजगार से जोड़ा गया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। महात्मा गांधी नरेगा योजना में सिक्योर सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जाती है,जिसमें सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही तकनीकी प्राकलन तैयार कर बनाये जाते हैं। इसमें भी राज्य स्तर पर प्राप्त स्वीकृति में उत्कृट 3 पंचायतों में से 2 पंचायत बीजापुर के जिले के हैं।
जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी पोषणलाल चंद्राकर ने समस्त जिलेवासियों को 2 फरवरी महात्मा गांधी नरेगा दिवस की बधाई देते हुए कहा कि जिले में बैंकिंग सेवाओं की स्थिति व योजना से जुड़े हुए मजदूरों व स्थानिय जनप्रतिनिधियों की मांग पर नकद मजदूरी भुगतान का प्रस्ताव भेजा गया। योजना की प्रगति को देखते हुए यह सही निर्णय भी प्रतीत हो रहा है। हमारी कोशिश यही है कि हम अधिक से अधिक जॉबकार्डधारी परिवारों को उनके मांग के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराए। इसके लिए आदर्श आचार संहिता लगने के पूर्व ही जिले में पर्याप्त मात्रा में कुल 1480 कार्य स्वीकृत किये गए हैं। वितीय वर्ष के अंत अर्थात 31 मार्च तक मानव दिवस सृजित करने में 200 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयास रहेगा।