पंजाब में नकली शराब का कहर, करीब 80 लोगों की मौत, पुलिस अधिकारियों पर गिरी गाज

कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए 24 मार्च को देशव्यवापी लॉकडाउन लगाया गया था। पूरा देश बंद था। धीरे-धीरे जब देश अनलॉक की तरफ बढ़ा, तो सरकार ने शराब की दुकानें खोलीं थीं। ऐसी तस्वीरें सामने आई थीं, जिसे देखकर ऐसा लगने लगा था कि ये मदिरा नहीं अमृत है। बड़ी संख्या में लोग शराब की दुकानों के बाहर खड़े नज़र आए। ऐसा लग रहा कोरोना वायरस का डर खत्म हो गया है। लेकिन यही शराब अब मौत बांट रही है। पंजाब के अमृतसर, तरनतारन और गुरदासपुर में नकली शराब ने कईयों की जान ले ली।
पंजाब में नकली शराब पीने से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है। इस पर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कार्रवाई करते हुए 2 डीएसपी और 4 एसएचओ के साथ 7 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही सीएम ने शराब कांड में मरने वालों के परिवार को 2 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। पंजाब पुलिस ने शनिवार को 100 से अधिक जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान पुलिस ने 17 और लोगों को गिरफ्तार किया।
पंजाब पुलिस के मुताबिक, नकली शराब से मौत के पहले पांच मामले 29 जुलाई की रात अमृतसर के तारसिक्का के तांगड़ा और मुच्छल गांव से सामने आए थे। इसके बाद लगातार मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। जानकारी के मुताबिक, नकली शराब पीने से सबसे ज्यादा मौत तरणतारण में हुई है। यहां मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 तक पहुंच गई है। बताया गया है कि जिले के सदर और शहर के इलाकों में अधिकतम मौतें हुई हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कई पीड़ितों के परिवार अपने बयान दर्ज करने के लिए आगे नहीं आ रहे थे, लेकिन उन्हें ऐसा करने के लिए मना लिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अधिकांश परिवार आगे नहीं आ रहे थे और कोई कार्रवाई नहीं चाहते थे। उनमें से कुछ का पोस्टमार्टम भी नहीं हो रहा है।